लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की एवं भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायक चंद्रशेखर आजाद जी के जन्म दिवस पर शत-शत नमन ~~~~~
23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे तिलक अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के जनक, समाज सुधारक, राष्ट्रीय नेता, भारतीय इतिहास, संस्कृत, हिन्दू धर्म, गणित और खगोल विज्ञान के विद्वान बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर शत् शत् नमन।
~~ लक्षय कोचिंग सेंटर पुरनीडीह ~~
*हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए कई नौजवानों ने अपना बलिदान दिया, जिनमे से एक चंद्रशेखर आज़ाद है. चन्द्रशेखर आज़ाद एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भगत सिंह के गुरु थे.आजाद ने इस देश को गुलामी की जंजीरों से आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों तक की कुर्बानी दे दी. परन्तु आज भी चंद्रशेखर आज़ाद की कही हुई बाते हमारे साथ है और आने वाली युवा पीढ़ियों का मार्गदर्शन करने में सहायता ज़रुर करेगी. चंद्रशेखर आज़ाद द्वारा बोले गए देशभक्ती नारे, उनके अनमोल वचन हर एक देशवासी में देशभक्ति का भावना को जगाते है. आइये जानते है उनके द्वारा कहे गए कुछ अनमोल वचन~~~~~*
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*दूसरे आपसे बेहतर कर रहे है ये नहीं देखना चाहिए हर दिन अपने ही रिकॉर्ड को तोड़िये क्योंकि सफलता की लड़ाई आपकी खुद से है.*
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*अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है.*
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*मै ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रा, समानता और भाईचारा सिखाता है.*
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*मैं जीवन की अंतिम सांस तक देश के लिए शत्रु से लड़ता रहूंगा.*
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*मात्रभूमि की इस दुर्दशा को देखकर अभी तक यदि आपका रक्त क्रोध नहीं करता है, तो यह आपकी रगों में बहता खून नहीं है ये तो पानी है.*
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*आज़ाद की कलाई में हथकड़ी लगाना बिलकुल असंभव है. एक बार सरकार लगा चुकी, अब तो शरीर के टुकड़े टुकड़े हो जाएँगे, लेकिन जीवित रहते पुलिस बंदी नहीं बना सकती.*
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*मै ऐसे धर्म को मानता हु जो स्वतंत्रा, समानता और भाईचारा सिखाता है.*
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*एक बार जब जब पुलिस ने आज़ाद को पकड़ लिया था. तब उन्होंने एक प्रतिज्ञा ली थी. वे अब कभी पुलिस की पकड़ में नहीं आये थे. काकोरी कांड के बाद भी सभी आरोपियों को पकड़ लिया गया था. परन्तु चन्द्रशेखर आजाद को वे लोग नहीं पकड़ पाए थे.पंडित चन्द्रशेखर आजाद अक्सर यह शेर गुन-गुनाया करते थे.*
*दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे*
*आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे*
*वे कभी- कभी इस शेर को कुछ इस तरह भी गाते थे.*
*दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे*
*आजाद ही रहे हैं, आजाद ही मरेंगे*
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*यदि अभी तक आपका खून खोलता नहीं है, तो आपकी नसों में पानी बहता है?*
*इस जवानी का क्या फायदा अगर ये मातृभूमि की सेवा में काम ना आ सके.*
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*यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता तो उसका जीवन व्यर्थ है.*
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*भले ही मेरा प्राम्भिक जीवन आदिवासी इलाके में बिता है लेकिन मेरे दिल में मातृभूमि ही बस्ती है.*
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*दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे,आजाद रहे हैं, आजाद ही रहेंगे.*
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*जब तक यह बमतुल बुखारा (आजाद की पिस्तौल का नाम) मेरे पास है. किसने माँ का दूध पीया है, जो मुझे जीवित पकड़ के ले जाए.*
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*गिरफ्तार हो कर अदालत में हाथ बांध मुझे बंदरिया का नाच नहीं नाचना है. आठ गोली पिस्तौल में है और आठ का दूसरा मैगजीन है. पंद्रह दुश्मन पर चलाऊंगा और सोलहवी यंहा……और आजाद अपनी पिस्तौल अपनी कनपटी पर छुआ देते.*
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*मेरा नाम आज़ाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता, और मेरा पता जेल है.*
*चंद्रशेखर आजाद द्वारा लिखी कविता आज भी उनके बलिदान और शौर्य की गाथा का गुणगान करती है.*
*‘मां हम विदा हो जाते हैं, हम विजय केतु फहराने आज,*
*तेरी बलिवेदी पर चढ़कर मां, निज शीश कटाने आज।*
*मलिन वेष ये आंसू कैसे, कंपित होता है क्यों गात?*
*वीर प्रसूति क्यों रोती है, जब लग खंग हमारे हाथ*
*धरा शीघ्र ही धसक जाएगी, टूट जाएंगे न झुके तार,*
*विश्व कांपता रह जाएगा, होगी मां जब रण हुंकार।*
*नृत्य करेगी रण प्रांगण में, फिर-फिर खंग हमारी आज,*
*अरि शिर गिराकर यही कहेंगे, भारत भूमि तुम्हारी आज।*
*अभी शमशीर कातिल ने, न ली थी अपने हाथों में।*
*हजारों सिर पुकार उठे, कहो दरकार कितने हैं।।’*
*~~ लक्ष्य कोचिंग सेंटर पुरनीडीह~~*
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