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युवा क्रांतिकारी अमर शहीद खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर शत शत नमन 🙏🙏🙏🙏🙏~~~~~
खुदीराम बोसः हाथ में गीता लेकर फांसी चढ़ने वाला लड़का खुदीराम बोस स्कूल के दिनों से ही राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने लगे थे. वे जलसे जुलूसों में शामिल होते थे और अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ नारे लगाते थे. खुदीराम बोस खुदीराम बोस को देश की गुलामी सख्त नापसंद थी पढ़ाई छोड़ आजादी की जंग में कूदे थे खुदीराम बोस वो उम्र जब एक युवा अपने करियर और आने वाले भविष्य को लेकर परेशान रहता है, उस उम्र में एक ऐसा क्रांतिकारी निकला जो देश के लिए सूली पर चढ़ गया. महज 18 साल की उम्र में देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले खुदीराम बोस को 1908 में 11 अगस्त के ही दिन फांसी दी गई थी. खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर, 1889 को बंगाल में मिदनापुर जिले के हबीबपुर गांव में हुआ था. खुदीराम बोस जब बहुत छोटे थे, तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया था. उनकी बड़ी बहन ने उनका लालन-पालन किया था. 1905 में बंगाल का विभाजन होने के बाद खुदीराम बोस देश को आजादी दिलाने के लिए आंदोलन में कूद पड़े. सत्येन बोस के नेतृत्व में खुदीराम बोस ने अपना क्रांतिकारी जीवन शुरू किया. अंग्रेजी हुकूमत के थे खिलाफ खुदीराम बोस...
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